एक बार मे 200 Miss Call भेजकर Girlfriend से मजे कैसे ले |

किसी भी Number पर एक बार में 1000 Miss Call कैसे करें? अगर आप भी free time अपने फ्रेंड्स को सताना चाहते है उनके साथ मजाक करना चाहते है तो ये post आप ही के लिए है क्युकी इस post में मैं आपको एक ऐसा तरीका बता रहा हु जिससे आप अपने किसी भी फ्रेंड्स के mobile number पर एक बार में 500 1000 आप जितना चाहे miss call करके उन परेशान कर सकते हों तो चलिए जानते है की ऐसा तरीका कौनसा है जिससे हम किसी भी number पर एक बार में 999 miss call करके किसी को भी हैरान और परेशान कर सकते हैं।


Miss call करने का ये तरीका कुछ अजब गजब है अगर आप भी अपने दोस्त या किसी और को जरुरत से ज्यादा miss call करके परेशान करना चाहते है तो ये post पढ़ते रहिए क्युकी इस post में मैं एक ऐप्प के बारे में बता रहा हु जिससे आप जितने चाहे miss call कर सकते हों तो चलिए उस app के बारे में कुछ जानते हैं।

उस app का नाम TAK Zang है ये app आपको google के play store पर मिल जायेगा आप इस app को third party CutBD.com website से free download कर सकते हो और किसी भी number पर जितने चाहे miss call करके अपने फ्रेंड्स को सता सकते हों।

ये App काम कैसे करता हैं?

इस app को mobile में download कर लीजिए open कीजिए open करने के बाद वो number डालना होता जिस number पर हम miss call करना चाहते है और कितने miss call करना चाहते हो और आपका मिस – कॉल कितने second का होगा ये select करना है।

इस app से miss call करने के लिए आपको बस यही करना है अब आप निचे मिस – कॉल करने की details से जान सकते हों।

TAK Zang Miss Calling App से Unlimited Miss Call कैसे करें
इस app से miss call करना आसान है आपको बस इस post के निचे वाले 2 – 3  स्टेप follow करंगे होंगे तो चलिए अब start करें।

Step 1:

सबसे पहले अपने mobile में निचे के 2 point follow कर के इस app को download करके install कर लीजिए।

सबसे पहले google chrome में TAK Zang search कीजिए। Search करने के बाद आपके सामने एक page open होगा जिसमे आपको पहले number पर दिए गए link पर क्लिक करना हैं।


सबसे पहले लिंक पर क्लिक करते ही LutBD.com का एक new page open होगा। इसमें आपको last में download option के सामने TAK Zang app को download करने की link मिलेगी। अगर आप ये app download करना चाहते हो तो यहाँ क्लिक कीजिए।


Download करने के बाद आपके सामने इस app का interface open होगा यहाँ Continue in English option पर click कीजिए।

Continue in English option पर क्लिक करने के बाद एक new page open होगा उस page में Start button पर क्लिक कीजिए।
Start button पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नया page open होगा इस page में आपको मोटिकोंन दिखाई देगा इसमें आपको वो mobile number डालना है जिस पर आपको miss call करनी हैं। Number डालने पर Next button पर क्लिक कीजिए।


Next पर क्लिक करने के बाद एक और page open होगा उस page में आपको यहाँ fill करना है आपको कितने miss call करने है वो number डालिए जैसे 200 – 300 – 500 आप यहाँ 1000 मिस कॉल कर सकते हों।

आप जितना चाहे उतने miss call डालिए और next button पर क्लिक कर दीजिए।

Next पर क्लिक करने के बाद एक और page open होगा उस page में आपको यह type करना है की आप कितने second का miss call करना चाहते हों। (आप अपने मिस कॉल को 3 second से कम नहीं डाल सकते हैं। )

Second time सेलेक्ट करने के बाद जैसे ही आप Next button पर क्लिक करोगे उसके तुरन्त बाद miss calling start हो जायेगी।

अब एक बाद एक call आपके number से लगते जायेंगे और अगर आप डबल सिम user है तो आपको calling के लिए बार बार सिम select करनी पड़ेगी इसलिए आप इस app की settings में जाइए और calling के लिए एक ही सिम select कर लीजिए।

तो कुछ इस तरह आप भी इस app का इस्तेमाल करके किसी भी number पर कितने भी miss call करके अपने फ्रेंड्स या कोई को परेशान कर सकते हो और अगर आप ये calling stop करना चाहते है तो mobile screen पर क्लिक कीजिए आपकी मिस कॉल रुक जायेंगी।



अगर आपको miss call करने का ये तरीका अच्छा लगे तो कमेंट में जरुर बताए।


गाँधी जयंती पर निबंध – Gandhi Jayanti Essay in Hindi 2018



गाँधी जयंती पर निबंध – Gandhi Jayanti Essay in Hindi 2018

महात्मा गाँधी का जन्मदिन भारत के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यकर्मो में से एक हैं। 2 अक्टूबर को गाँधी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। गाँधी जी के जीवन को समझने के लिए हम यहाँ सरल और आसान भाषा में गाँधी जंयती निबंध शेयर कर रहे हैं। विद्यार्थी इनका प्रयोग स्कूल, कॉलेज में होने वाली प्रतियोगिता, निबंध लेखन में और विभिन्न अवसरों पर कर सकते हैं।

गाँधी जयंती निबंध – Gandhi Jayanti Essay in Hindi

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महात्मा गांधी जयंती पर निबंध – Essay On Mahatma Gandhi Jayanti

महात्मा गाँधी जयंती 2 अक्टूबर को भारत भर में एक राष्ट्रिय कार्यक्रम के रूप में मनायी जाती है। इस दिन को दुनिया भर में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजादी के लिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गाँधी ने अथक और निस्संदेह योगदान दिया। महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। सच्चाई और अहिंसा के माध्यम से उन्होंने अंग्रेजों से भारत की आजादी के लिए रास्ता पक्का किया।


महात्मा गाँधी को राष्ट्र के पिता के रूप में बुलाया गया। हम उन्हें बापू भी कहते है। वह ने केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए आशा का केंद्र था। महात्मा गाँधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बल्कि उनकी प्रतीकात्मक दृष्टि ने दुनिया भर के लोगों को किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।


गाँधी जी का सबसे प्रेरणादायक उद्धरण “खुद को जानना है तो दूसरों की सेवा में डूब जाओ।” जो उनके महत्वपूर्ण निस्वार्थ योगदान को दर्शाता है। महापुरुष मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक हिंदू परिवार (माता-पिता करमचंद गांधी और पुतलीबाई) में हुआ था।


गांधीजी सच्चाई और अहिंसक के अग्रदूत थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जी दुनिया को यह साबित कर दिखाया की अहिंसा के मार्ग से स्वतंत्रता हासिल की जा सकती हैं।

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गाँधी जयंती पर निबंध – Essay on Gandhi Jayanti in Hindi

महात्मा गांधी जी को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उनका परिचय देना सूर्य को दिया दिखाने जैसा है। वे हमारे देश के उन महापुरुषों में से एक थे जिन्होंने राष्ट्रीय जीवन का एक नया इतिहास तैयार किया। हमारी आजादी और भारत की स्वतंत्रता उन्हीं की देन है।


महापुरुष महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ईस्वी को गुजरात के पोरबंदर नामक शहर में हुआ था। गांधी के पिता करमचंद गाँधी राजकोट रियासत के दीवान थे। उनकी माता पुतलीबाई ने उनका लालन-पालन बड़े ही अच्छे ढंग से किया था। गाँधी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। आगे चलकर वे गांधीजी नाम से प्रसिद्ध हुए और आज हम उन्हें राष्ट्र के पिता और बापू कहते हैं।


गांधी जी ने अपनी पढ़ाई की शुरुवात गाँव के एक विद्यालय से की। एक समय ऐसा भी था जब गांधी जी नशा करना, चोरी करना, मांस खाने जैसी बुरी आदतों के आदि थे लेकिन आगे चलकर उन्होंने इन सभी आदतों को त्याग दिया।


एक बार गांधीजी किसी मुकदमे के चलते दक्षिण अफ्रीका गए थे वहां उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा। गांधी ने देखा की वहा


एक बार गांधीजी किसी मुकदमे के चलते दक्षिण अफ्रीका गए थे वहां उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा। गांधी ने देखा की वहां भारतियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा था। जिससे गाँधी जी बड़ी ठेस पहुंची। बापू जी वहां “सत्याग्रह” शुरू किया जिसमें उन्हें सफलता भी मिली।


महात्मा गाँधी जी सन 1914 में भारत आए तो उन्होंने देश की गरीबी और गुलामी देखी। अंग्रेजों के अत्याचार और उनका क्रूर शासन देखा। गांधीजी ने उस टाइम देशसेवा की ठान ली और अपने देश को अंग्रेजों से आजाद कराने में जुट गये।


सन 1917 वे अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करने लग गए। गांधी जी अंग्रेजों के खिलाफ चंपारण में पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। जनता ने उनका साथ दिया और उनका स्वागत किया। सन 1942 की महान क्रांति हुयी, गाँधी के करो या मरो नारे से सारा देश जागरूक हो गया। इस नारे गांधीजी के साथ बहुत से नेता अंग्रेजों ने जेलों में बंद कर दिये।


लेकिन फिर भी गांधीजी से प्रेरित जनता रूकी नहीं और अंग्रेजों के सामने झुकी नहीं। उनके संघर्ष से हारकर अंत में अंग्रेजों को 15 अगस्त 1947 ईस्वी को भारत को आजाद करके भारत छोड़कर भागना पड़ा।

देश को आजाद कराने वाले राष्ट्रपिता बापू जी को देश के ही एक व्यक्ति नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को पिस्तौल चलाकर मार डाला। लेकिन गांधीजी की जय आज भी हमारे प्राणों में नया जोश और उत्साह भरती है।


वे मरकर भी अमर है।
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महात्मा गाँधी जयंती पर निबंध इन हिंदी – Gandhi Jayanti Hindi Essay 2018

गाँधी जयंती भारत में तीन सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाओं में से एक है। यह त्योहार पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है ताकि हमारे राष्ट्र के पिता के जन्मदिन को याद किया जा सके। गाँधी जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य महात्मा गांधी जी को सम्मान देना है जिन्होंने हमें ब्रिटिश शासन से आजादी दिलायी।


इस दिन को अहिंसा का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 2 अक्टूबर को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन सभी शैक्षणिक संस्थान, बैंक और कंपनियां आदि बंद रहती है। साथ ही इस दिन अल्कोहल बेचने जैसे सभी बुरी गतिविधियां सख्ती से प्रतिबंधित है क्योंकि बापू जी इन चीजों के सख्त खिलाफ थे।


गाँधी जयंती के दौरान स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में प्रार्थना, नाटक और भाषण पाठ सहित गतिविधियाँ आयोजित की जाती है। विभिन्न स्थानों पर गाँधी जयंती भाषण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को पुरस्कार भी दिए जाते हैं।


गाँधी जयंती पर पर सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, और कॉलेजों को गाँधी जयंती फोटो और छवि से सजाया जाता है। सबसे पहले श्मशान स्थान को माला और फूलों से सजाया जाता है। उसके बाद पुष्पांजलि देकर हमारे महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। उसके बाद बापू जी का पसंदीदा भजन गाया जाता है।


गाँधी जी के अनुसार, आजादी पाने के लिए सिर्फ सच्चाई और अहिंसा ही एकमात्र साधन है। वह कई बार जेल गए। महात्मा गाँधी सामाज में सबको समान मानते थे और अस्पृश्यता के खिलाफ थे। गाँधी अब युवाओं के लिए एक आदर्श मॉडल और प्रेरणादायक नेता बन गए है। नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओं ने स्वतंत्रता के लिए गाँधी के अहिंसा के सिद्धांत की प्रशंसा की।


स्वराज को हासिल करने के लिए गाँधी जी बहुत अच्छा काम किया। उन्होंने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया और अस्पृश्यता जैसे अन्य सामाजिक बुराइयों को भी खत्म किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण का भी समर्थन किया। गाँधी ने असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया। ये सभी आंदोलन सफल हुए थे और युवाओं ने इनमें अहम साथ दिया।

गाँधी जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य महात्मा गाँधी जी को सम्मान देने और लोगों को गांधी के सिद्धांतों को वितरित करने और विचारों और मान्यताओं के चरणों का पालन करने के लिए जागरूक करना है। इस तरह हम हर साल हमारे राष्ट्र के पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।


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गाँधी जयंती पर निबंध (500 शब्दों में) – Gandhi Jayanti Essay in 500 Words


भारत में कुछ व्यक्ति ऐसे हुए है जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है और किसी अन्य व्यक्ति के साथ इनकी तुलना कभी नहीं की जा सकती है। उन्हीं में से एक थे महात्मा गाँधी, जिन्हें हम राष्ट्र के पिता या बापू भी कहते है। वह एक महापुरुष थे जिन्होंने हमारे देश को सच्चाई और अहिंसा के अपने तरीके से ब्रिटिश शासन से मुक्त करवाया।

भारत में हमारे राष्ट्र के पिता महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को हर साल गाँधी जयंती के रूप मनाया जाता है।


मोहनदास करमचंद गांधी महात्मा गाँधी का मूल नाम था। उनका जन्म 2 October 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी था जो राजनीतिक व्यक्ति भी थे। उनकी माँ का नाम पुतलीबाई था वह एक धार्मिक महिला थी। 13 साल की उम्र में उन्होंने कस्तूरबा गाँधी से विवाह किया।


बचपन से ही वह बहुत ईमानदार और सच्चा प्रेमी था। उन्होंने लंदन से कानून की पढ़ाई पूरी की और दक्षिण अफ्रीका से अभ्यास पूरा किया। दक्षिण अफ्रिक में 1893 से 1914 तक गाँधी ने एक वकील और सार्वजनिक कार्यकर्ता के रूप में काम किया। दक्षिण अफ्रीका में उन्हें रंगीन लोगों का सामना करना पड़ा।


एक बार उन्हें पीटरमैरिट्जबर्ग में एक ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया क्योंकि उन्हें प्रथम श्रेणी के डिब्बे से स्थानांतरित करने की इजाजत नहीं थी। उन्होंने इस अधिनियम के खिलाफ विरोध किया और अगले दिन उन्हें प्रथम डिब्बे में आने-जाने की अनुमति मिल गयी।


दक्षिण अफ्रीका में गाँधी के साथ ऐसी कई घटनाएं घटी और फिर उन्होंने भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए वहां रहने वाले अन्य भारतीयों के लिए अपना समय बढ़ाने का फैसला किया।


1915 में गाँधी जी गोपाल कृष्ण गोखले (कॉग्रेस पार्टी के नेता) के अनुरोध पर भारत लौट आये। गाँधी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 1920 में नेतृत्व संभाला। गाँधी ने गैर हिंसा और सत्य के मार्ग पर चलकर ब्रिटिश शासन से अपने देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।


वह सच्चाई, शांति, अहिंसा का महान समर्थक था। साथ ही हमारे लिए सरल जीवन और बड़ी सोच का महान उदाहारण था। भारत की आजादी के लिए ब्रिटिशों के साथ अपने युद्ध के दौरान उन्होंने 1930 में सत्याग्रह आंदोलन जैसे विभिन्न नामों के साथ विभिन विरोधों को लागू किया।


1942 में उन्होंने अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया जिसको अंग्रेजों ने बंद करने की बहुत कोशिश की। जिसकी वजह से अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को गोलियां मारी, गिरफ्तार किया गया। भारतीयों के लिए भारत छोड़ो आंदोलन सबसे असरदार और मजबूत रहा।


उसके बाद गाँधी जी ने भारत में ब्रिटिश शासन के अंत की मांग करने के लिए “करो या मरो” नारा दिया। आखिर में 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिस साम्राज्य को भारत में अपना शासन समाप्त करना पड़ा।


30 जनवरी 1948 को महात्मा गाँधी जी की हत्या कर दी गयी। एक हिंदू राष्ट्रवादी नाथू राम गोडसे ने बापू जी की छाती में तीन गोलियां दागी और पुरे देश में दुःख और अँधेरा फैलाया। 15 नवम्बर को नाथूराम और उसके साथी नारायण आप्टे को फांसी दे दी गयी।


गांधी जयंती कहाँ और कैसे मनाते है?

हर साल 2 अक्टूबर को देश भर में हमारे महात्मा गाँधी जी के जन्मदिन का पुरे देश में बड़े उत्साह के साथ गाँधी जयंती के रूप में जश्न मनाया जाता है। गाँधी जयंती मुख्य रूप से दो जगहों पर मनाया जाता है एक वह जगह जहाँ पर महात्मा गाँधी की हत्या की गयी थी और दूसरी वहां जहाँ संस्कार (राजपाट, नई दिल्ली) किया गया था।


महात्मा गाँधी की प्रतिमाओं पर फूलों की माला रखी जाती है है और बापू जी का पसंदीदा गीत “रघुपति राघव राजा राम” गाया जाता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ नई दिल्ली में महात्मा गाँधी की समाधि राजघाट में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।


मोहनदास करमचंद गाँधी हमारे देश के राष्ट्रपिता एक महान व्यक्ति थे। देश के लिए उनके बलिदान को हम कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने सत्य के राह पर अपना जीवन कुर्बान कर दिया हैं। हमारी आने वाली पीढ़ी भी उनके इस कार्य को याद करेंगी।





गाँधी जयंती पर कविता-Mahatma Gandhi Jayanti Poem in Hindi 2018


गाँधी जयंती पर कविता – Mahatma Gandhi Jayanti Poem in Hindi 2018



गाँधी जयंती मोहनदास करमचंद गाँधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर का अवसर भारत में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय त्यौहार है। उन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उनके अच्छे कर्मों को याद करने और सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष गाँधी जयंती मनाई जाती है। यहाँ हम गाँधी जयंती पर कविता का संग्रह शेयर कर रहे है जो महात्मा गाँधी को सम्मान देने और उनके अच्छे कार्यों को याद करते हुये लिखी गयी हैं।

महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने पूर्ण समर्पण और आत्मविश्वास के साथ ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराया और दुनिया को साबित कर दिखाया की स्वतंत्रता अहिंसा के साथ हासिल की जा सकती है। सत्य और अहिंसा उनकी वो ताकत थी जिसके सामने क्रूर अंग्रेजों के घुटने टूट गये।

महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 October 1869 ईस्वी को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। गांधीजी ने अपने जीवन के हर संकट में सच्चाई का साथ दिया और अहिंसा का पालन किया और सभी को इनका पालने करने के लिए प्रेरित किया।


2 अक्टूबर महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर कविता


2 अक्टूबर खास बहुत है इसमें है इतिहास छिपा,

इस दिन गाँधी जी जन्मे थे दिया उन्होंने ज्ञान नया,

सत्य अहिंसा को अपनाओ इनसे होती सदा भलाई,

इनके दम पर गाँधी जी ने अंग्रेजों की फौज भगाई,

इस दिन लाल बहादुर जी भी इस दुनिया में आये थे,

ईमानदार और सबके प्यारे कहलाये थे,

नहीं भुला सकते इस दिन को ये दिन तो है बहुत महान,

इसमें भारत का गौरव है इसमें तिरंगे की शान हैं।


महात्मा गाँधी पर कविता

राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो सभी प्यार से कहते बापू,

तुमने हमको सही मार्ग दिखाया सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया,

हम सब तेरी संतान है तुम हो हमारे प्यारे बापू।

सीधा सादा वेश तुम्हारा नहीं कोई अभिमान,

खादी की एक धोती पहने वाह रे बापू तेरी शान।

एक लाठी के दम पर तुमने अंग्रेजों की जड़ें हिलायी,

भारत माँ को आजाद कराया राखी देश की शान।



बापू महान, बापू महान


बापू महान, बापू महान!
ओ परम तपस्वी परम वीर
ओ सुकृति शिरोमणि, ओ सुधीर
कुर्बान हुए तुम, सुलभ हुआ
सारी दुनिया को ज्ञान
बापू महान, बापू महान!!
बापू महान, बापू महान
हे सत्य-अहिंसा के प्रतीक
हे प्रश्नों के उत्तर सटीक
हे युगनिर्माता, युगाधार
आतंकित तुमसे पाप-पुंज
आलोकित तुमसे जग जहान!
बापू महान, बापू महान!!
दो चरणोंवाले कोटि चरण
दो हाथोंवाले कोटि हाथ
तुम युग-निर्माता, युगाधार
रच गए कई युग एक साथ ।
तुम ग्रामात्मा, तुम ग्राम प्राण
तुम ग्राम हृदय, तुम ग्राम दृष्टि
तुम कठिन साधना के प्रतीक
तुमसे दीपित है सकल सृष्टि ।



Poems on Mahatma Gandhi in Hindi

गौरों की ताकत बाँधी थी गाँधी के रूप में आंधी थी,

बड़े दिलवाले फकीर थे वो पत्थर के अमिट लकीर थे वो,

पहनते थे वो धोती खादी रखते थे इरादें फौलादी,

उच्च विचार और जीवन सादा उनको प्रिय थे सबसे ज्यादा,

संघर्ष अगर तो हिंसा क्यों खून का प्यासा इंसा क्यों,

हर चीज का सही तरीका है जो बापू से हमने सिखा है,

क्रांति जिसने लादी थी सोच वो गाँधी वादी थी,

उन्होंने कहा करो अत्याचार थक जाओगे आखिरकार,

जुल्मों को सहते जाएंगे पर हम ना हाथ उठाएंगे,

एक दिन आएगा वो अवसर जब बाँधोगे अपने बिस्तर,

आगे चलके ऐसा ही हुआ गाँधी नारों ने उनको छुआ,

आगे फिरंग की बर्बाद थी और पीछे उनकी समाधि थी,

गौरों की ताकत बाँधी थी गाँधी के रूप में आंधी थी।




स्कूल के बच्चों के लिए गाँधी जयंती पर कविता


मैया मेरे लिए मँगा दो छोटी धोती खादी की,

जिसे पहन मैं नकल करूँगा प्यारे बाबा गाँधी की।

आँखों में चश्मा पहनूँगा कमर पर घडी लटकाऊँगा,

छड़ी हाथ में लिये हुये मैं जल्दी जल्दी आऊँगा।

लाखों लोग चले आयेंगें मेरे दर्शन पाने को,

बैठूँगा जब बीच सभा में अच्छी बात सुनाने को।



इस युग कि पहचान हैं गाँधी



भारत के सम्मान है गाँधी।
इस युग कि पहचान हैं गाँधी।।
चौराहों पर खड़े है गाँधी।
मैदानो के नाम है गाँधी।।
दीवारों पर टंगे है गाँधी।
पढने -पढ़ाने में है गाँधी।।
राजनीति में भी है गाँधी।
मज़बूरी का नाम हैगाँधी।।
टोपी कि एक ब्रांड है गाँधी।
वोट में गांधी ,नोट में गाँधी।।
अगर नहीं मिलते तो वह है।
जनमानस की सोच में गांधी।।



गाँधी जयंती पर भाषण - Gandhi Jayanti Speech in Hindi 2018



दो अक्टूबर को गाँधी जयंती हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 1869 में इसी दिन हुआ था। उनके जन्मदिन पर हम यहाँ सरल और आसान भाषा में गाँधी जंयती भाषण शेयर कर रहे है। हमने विद्यार्थियों के लिए जो गाँधी जयंती पर भाषण की लिस्ट शेयर कि हैं उन्हें आप विद्यार्थी स्कूल, कॉलेजों में विभिन्न अवसरों और प्रतियोगितओं में सुना सकते हैं। 

2 अक्टूबर गाँधी जयंती का दिन हम भारतीयों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन हैं इस दिन हमारे राष्ट्रपिता जी का जन्मदिन मनाते हैं। मोहनदास करमचंद गाँधी को हम महात्मा गाँधी, राष्ट्र के पिता और सम्मान और प्यार से बापू भी कहते हैं।

सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी जी अहिंसा के परिचालक थे उन्होंने जीवन में ऐसे कई कार्य किये जो उन्हें महान बनाते हैं, देश को आजादी दिलाने में उनका बहुत बड़ा योगदान हैं।

महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी 50 बातें – Mahatma Gandhi in Hindi
उनके जन्मदिन के अवसर पर हम student के लिए सरल और आसान शैली में भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं।


गाँधी जयंती भाषण 

आज 2 अक्टूबर है। यह हमारे देश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज हम महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाते है जो हमारे देश के पिता है। हम उन्हें बहुत सम्मान और स्नेह के साथ “बापू” भी कहते हैं। यहाँ मैं आप सभी को गाँधी जयंती पर भाषण के माध्यम से बापू की कहानी सुना रहा हूँ जिसका जन्मदिन आज हम पूरे भारत और दुनिया भर में मना रहे हैं।

बहुत पहले, 1869 के इस दिन 149 साल पहले, गुजरात के पोरबंदर शहर में एक प्यारा सा बच्चा पैदा हुआ था। पिता करमचंद गांधी और मां पुट्टिबाई बहुत खुश थे। उन्होंने बच्चे को (मोहन) मोहनदास करमचंद गांधी का नाम दिया। जब मोहन बड़ा हुआ तो वह अपने पिता की ईमानदारी और सख्त अनुशासन और अपनी मां की सादगी और धार्मिक विचारों से बहुत प्रभावित था।

बहुत कम उम्र में, शर्मीले छोटे बच्चे ने सच्चाई, ईमानदारी और अनुशासन के महान मूल्यों को सीखा। उसने इन मूल्यों को अपने पूरे जीवन में अपनाया और पूरी दुनिया के सामने इन मूल्यों की सही शक्ति का प्रदर्शन किया। जब मोहन बड़े हो गए तो वो कुछ बुरी आदतों का शिकार हो गया। उन्होंने अपने बुरे कर्मों को अपने माता-पिता से छुपाया।

लेकिन उसके माँ-बाप के अच्छे आदर्शों ने गाँधी के साथ बुरी आदतों को ज्यादा देर तक रहने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने अपनी गलतीयों और बुरी लतों को महसूस किया और अपनी बुरी आदतों के लिए पश्चाताप किया। गाँधी जी अपने माता-पिता को एक पत्र लिखकर अपनी बुरी आदतों को कबूल किया।

इस घटना ने उन्हें माता-पिता द्वारा सिखाए गए मूल्यों का पालन करने के और मजबूत कर दिया। गाँधी को कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड भेजागया। अध्ययन के बाद, वह भारत में वकील बन गया। एक मामले के लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया। उन दिनों सफेद और काले लोगों के बीच भेदभाव था।

दक्षिण अफ्रीका के दौरे के समय ट्रेन के सफर में काले होने की वजह से उन्हें ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर फेंक दिया। यह गाँधी जी के लिए उनकी जिंदगी में बहुत अपमानजनक अनुभव था। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा काले, गौरे में भेदभाव के खिलाफ लड़ने का फैसला किया और भारत वापस आये।

महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए एक अहिंसक तरीके से अन्याय का विरोध करने के लिए “सत्याग्रह” एक नई विधि बनाई। बहुत लोगों ने उनका साथ दिया। लोगों ने उन्हें बापू (पिता) और महात्मा (संत) कहा। बापू और उनके साथियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ पूरी तरह से जबरन जबरदस्त भारत बनाया।

जिसकी वजह से अंग्रेजों ने बापू और उनके अन्य भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। लेकिन इससे उनके अन्याय के खिलाफ लड़ने का जज्बा कम नहीं हुआ। सत्याग्रह में कोई भेदभाव नहीं था सभी धर्मों वाले लोग और सभी जाति ने बापू का साथ दिया।

स्वतंत्रता दिवस की हार्
हर कोई चाहे वह मुस्लिम, हिंदू या सिख हो या किसी अन्य धर्म से, सत्याग्रह आन्दोलन में सभी ने एक दुसरे को अपने भाई या बहन के रूप में स्वीकार किया। आखिर में अंग्रेजों को लगा की बापू और उनके सेनानियों के खिलाफ भारत पर शासन करना संभव नहीं होगा। 15 अगस्त, 1947 को हमारे देश को आजादी मिली।

यह दुनिया और मानव जाति के इतिहास में पहली बार हुआ की सत्याग्रहों ने सिर्फ अहिंसा के साथ बड़ी जीत हासिल की थी। तब से पूरी दुनिया ने बापू की महानता और सत्याग्रह आन्दोलन का लोहा माना। मार्टिन लूथर किंग, आंग सान सू की, नेल्सन मंडेला, अन्ना हजारे आदि जैसे दुनिया भर के कई अन्य प्रसिद्ध नेताओं ने अन्याय के खिलाफ विरोध करने के लिए अहिंसा का पालन किया।

उनके महान कर्मों को याद करने, सम्मान देने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हर साल उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के रूप मनाया जाता है। इस दिन हम भारतीय उनके अच्छे कामों का पालन करने का वचन लेते हैं।



गाँधी जयंती पर छात्रों के लिए भाषण – Gandhi Jayanti Speech for Students in Hindi

आदरणीय अध्यापकों और मेरे प्यारे दोस्तों को मेरा नमस्कार।

जैसा की हम जानते है की आज 2 अक्टूबर है जो महात्मा गाँधी जी का जन्मदिन है। इसलिए हम सभी यहाँ गांधी जयंती मनाने के लिए इकठ्ठा हुये है। मेरा नाम ——- है और इस विशेष अवसर पर मैं महात्मा गाँधी जी के बारे में कुछ कहना चाहता हूँ लेकिन उससे पहले मैं अपने शिक्षकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे इस अवसर पर भाषण बोलने के लिए मौका दिया।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन उनका सबसे प्रसिद्ध नाम बापू है और उन्हें राष्ट्र के पिता भी कहा जाता है। महात्मा गाँधी 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में पैदा हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो राजकोट के दीवान थे जो गुजरात में स्थित हैं। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।

गांधी जी अपने बचपन में साधारण बच्चों की तरह ही थे। यहाँ तक की उन्होंने 7 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू किया था। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था जिंसकी शादी गांधी जी से 13 साल की उम्र में हुयी थी। मैट्रिक और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद गाँधी जी कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गये। कुछ साल बाद उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की और वापस अपनी मातृभूमि पर आ गये।

वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान नेता थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने ब्रिटिशों के खिलाफ सत्याग्रह आन्दोलन नामक महान ऐतिहासिक आंदोलन भी शुरू किया। वर्ष 1942 में उन्होंने हमारे देश से अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए “भारत छोड़ो” एक और आंदोलन शुरू किया।

“भारत छोड़ो आंदोलन” हिंदी में सबसे प्रसिद्ध आंदोलन रहा। जिससे मजबूरन अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागना पड़ा। अंत में, अपने सफल नेतत्व के तहत भारत ने 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त की।

आजादी के बाद गांधीजी ने नोआखाली की पैदल यात्रा की जहाँ हिंदी-मुस्लिम के बीच दंगे-फसाद शुरू हुये। उन्होंने सभी से शांतिपूर्ण तरीके से जीने का अनुरोध किया। लेकिन दुर्भाग्य से, वह लंबे समय तक हमारे साथ नहीं रह सका। गांधीजी की समाधि राजकोट में स्थित है।


महात्मा गांधी पर आसान भाषण – Easy Speech in Hindi

माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय अध्यापकगण, अभिभावकों और मेरे प्यारे सहपाठियों को मेरा नमस्कार।

आज 2 अक्टूबर है जो की महात्मा गांधी जी का जन्मदिन है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन वह आमतौर पर बापू या राष्ट्र के पिता के रूप में जाना जाता है। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था।

उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, उनकी माता का नाम पुतलीबाई था और उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था। महात्मा गाँधी ने इंग्लैंड से अपनी कानून (law) की पढ़ाई पूरी की।

उन्होंने सत्याग्रह आन्दोलन और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारत छोड़ो वाले महान ऐतिहासिक आंदोलनों को शुरू किया। 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी। पर बापू मरकर भी हमारे दिलों में अमर हैं।


महात्मा गाँधी जयंती भाषण हिंदी में – Mahatma Gandhi Speech in Hindi

आज हम सभी यहाँ हमारे राष्ट्रीय नायक महात्मा गाँधी की जयंती मनाने के लिए जमा हुए है। मोहनदास करमचंद गांधी एक ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा हमारे दिलों में अमर रहेंगे। उन्हें बापू और राष्ट्र का पिता भी कहा जाता है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था।

गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जो ब्रिटिश शासन के तहत हमारे राष्ट्रवाद के नेता बने। उन्हें उनके महान कार्यों के कारण “महात्मा” कहा जाता है। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी और एक अहिंसक कार्यकर्ता था। जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसा और सत्य को अपने औजारों के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने यह साबित भी कर दिखाया की केवल अहिंसा और सत्य से स्वतंत्रता हासिल की जा सकती हैं।

वह हमेशा अहिंसा, सत्य और शांति के मार्ग पर चलते रहे। उन्होंने अपने साथी नागरिकों को भी अहिंसा का पालन करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए सत्याग्रह के विचार को अपनाया और साबित कर दिखाया की अहिंसा सबसे ताकतवर हथियार है।

उनके पिता करमचंद एक महान और सच्चे व्यक्ति थे। वह राजपूत राज्य के चीफ-दीवान था। उनकी माँ पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी। गांधीजी अपनी माँ से काफी प्रभावित थे। गांधीजी ने 1883 में कस्तूरबा से शादी की।


महात्मा गांधीजी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए हर साल गाँधी जयंती मनाया जाता है। यह वह दिन है जब हम बापू के महान कर्मों को याद करते है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इस दिन को अहिंसा का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है।


दुनिया भर में महात्मा गाँधी के जन्मदिन के सम्मान में यह दिन उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। गाँधी जी का जीवन हमारे लिए हमेशा प्रेरणा रहा है।


गाँधी जयंती एक इवेंट का दिन है लेकिन यह सिर्फ घटना नहीं है बल्कि सभी भारतियों के लिए बहुत ही खास दिन है। इस दिन राष्ट्र के पिता का जन्मदिन है। महात्मा गाँधी जो भारत को आजादी दिलाने के लड़े और आखिरकार 15 अगस्त 1947 को हम ब्रिटिश सरकार से ऐसा करने में सफल रहे।


गांधीजी ने स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसलिए उन्हें राष्ट्र के पिता और बापू के नाम से भी बुलाया जाता है।

नवरात्रि पूजन विधि – नवरात्रि कैसे मनाए?


हिन्दू के लिए ही नही बल्कि सभी भारतीयों के लिए नवरात्रि के बहुत महत्व है। नवरात्रि के समय मे माँ दुर्गा की आराधना करने से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है इसलिए सभी भारतीय बहुत हर्षोल्लास के साथ नवरात्रि के पर्व को मानते है।नवरात्रि का बहुत महत्व होने की वजह से सभी इस पर्व को पूर्ण विधि विधान से मनाना चाहते है इसलिए हम नवरात्रि के बारे में सभी जानकारी को विस्तार से समझेंगे।

नवरात्रि क्या है? और नवरात्रि क्यो मनाई जाती है।


नवरात्रि माँ दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए मनाई जाती है जिसकी शुरुआत भगवान श्री राम के द्वारा की गई थी।

भारतीय वर्ष में नवरात्रि दो बार शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है।
ऐसा माना जाता है कि भगवाम राम के जन्म दिन के रूप में और उनके द्वारा मा दुर्गा की पूजा की शुरआत के रूप में चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है।

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत बहु भगवान श्री राम के द्वारा ही मानी गयी है जब भगवान श्री राम लंका पर चढ़ाई कर रहे थे उसके पहले उनने माँ दुर्गा की पूजा शुरू की थी और यह पूजा 9 दिनों तक चली जिसको शारदीय नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। और रावण वध के दिन दसवे दिन इसका समापन हुआ था। जिसको विजयदासवी के रूप में बनाया जाता है।



नवरात्रि पूजन विधि – नवरात्रि कैसे मनाए?

जैसा कि नाम से स्पष्ट है और हम ऊपर समझ चुके है कि नवरात्रि की पूजा 9 दिन चलती है और सभी लोग अपने हिसाब से पूजा अर्चना करते है।

यदि आप 9 दिनों 9 देवियो की अलग अलग पूजा कर सकते है तो यह बहुत अच्छी बात है लेकिन यदि आपके पास समय का आभाव है तो आप नवरात्रि के पहले दिन, अष्टमी और नवमी के दिन पूजा करके भी माता की भक्ति करके शांति और पुण्य की प्राप्ति कर सकते है।


नवमी की पूजा 9 दिनों एक समान होती है जिसमे निम्न चरण होते है।



माँ दुर्गा प्रतिमा स्थापना
नवरात्रि की शुरुआत में नवरात्रि के एक दिन पहले से माता रानी के दरबार को बनाने की तैयारी शुरू की जाती है ताकि नवरात्रि के पहले दिन ही दुर्गा माँ की प्रतिमा की स्थापना नवरात्रि के पहले दिन की जा सके।

नवरात्रि के पहले दिन लोगो और पंडित के द्वारा पूजन और मंत्रो के उच्चारण के साथ दुर्गा माँ की प्रतिमा की स्थापना की जाती है।


माता के दरबार में घट रखे जाते है जिनमे गेंहू के बीज बोए जाते है जिनको हम जबारे बोलते है। किसी किसी स्थान पर माता की प्रतिमा के साथ गणेश भगवान और शिव भगवान की प्रतिमाओं की स्थापना भी की जाती है।


माता के दरबार को फूलों और इत्र आदि की खुशबू से महकाया जाता है।


नवरात्रि के पगले दिन से लोग माता के नाम का व्रत रखते है। कुछ सिर्फ नवरात्रि के पहले दिन मतलब बैठकी के दिन ब्रत रखते है और कुछ लोग 9 दिनों के व्रत रखते है।

सुबह की नवरात्रि पूजन विधि

माता की प्रतिमा स्थापना के बाद लोग सुबह सुबह माता के दरबार मे पूजा के लिए जाते है जहाँ लोग जलाभिषेक और पुष्पार्पण करते है और अगरबत्ती, धूप आधी को जलाकर दरबाद को महकते है।
माता के जलाभिषेक और पुष्पार्पण के बाद माता की आरती होती है और आरती के पश्चात प्रसाद के रूप में नारियल और मिठाई आदि का भोग लगाते है।
माता को भोग लगाने के बाद लोगो मे प्रसाद का वितरण किया जाता है जिसके बाद भजन कीर्तन आदि के प्रोग्राम से मा दुर्गा के दरबार को भक्तिमय बनाये रखते है।
संध्या नवरात्रि पूजन विधि
संध्या के समय नवरात्रि में बहित अच्छा लगता है क्योंकि मा दुर्गा का दरबाद रोशनी से भरा होता है चारो तरफ सिर्फ मा के गीतों की आवाज सुनाई देती है।
माता रानी के दरबाद के के आस पास दर्शनार्थियो की भीड़ लगी होती है।
शाम के समय मे लोग मा के दरबार मे जाते है और संध्या आरती करते है और औरते घरसे दीपो को लेकर मा के दरबाद में जलने ले जाती है।
सन्ध्या आरती के बाद प्रसाद का वितरण होता है और सभी लोग जगराते की तैयरी में लग जाते है।
रात भर लोग माँ के दरबार मे भक्ति गीतों को गाकर और जगराते करके भी माँ की भक्ति का आनंद लेते है।
नवरात्रि पंचमी पूजन
नवरात्रि के पहले दिन को बढ़े धूमधाम से मनाने के बेस्ड लोग रोजाना नियमत रूप से पूजन करते है लेकिन नवरात्रि के पांचवे दिन ला लोगो के लिए अधिक महत्व होता है।

नवरात्रि के पांचवे दिन जो लोग 9 दिनों का व्रत नही रखते है वह आज के दिन व्रत रखके माता की भक्ति करते है और माँ की पूजा अर्चना श्रद्धा के साथ करते है।


आज के दिन लोग बिना जल पिये (निर्जल) उपवास भी रखते है।
अष्टमी पूजन
पंचबी के बाद लोग अष्टमी के पूजन को अधिक महत्व देते है और जो लोग 9 दिन का उपवास नही रखते है वह अष्टमी के दिन उपवास रखते है।
अष्टमी के दिन लोगो घर पर मातारानी का विशेष पूजन होता है। लेकिन कुछ लोगो के घर न अष्टमी की जगह नवमी को विशेष पूजन है।
अष्टमी भी लोगो के द्वारा पंचमी की तरह विशेष रूप से मनाई जाती है।
नवमी पूजन
नवमी के दिन नवरात्रि का आखरी दिन होता है जिसके घर मे अष्टमी की विशेष पूजा नही होती वह नवमी के दिन मातारानी की विशेष पूजा करते है।
नवमी और अष्टमी के दिन लोगो के घरों में कन्या भोज का आयोजन किया जाता है जिसमे पड़ोस की सभी कन्याओ की आमंत्रित करके भोजन कराया जाता है।
इन कन्याओ को देवी का रूप माना जाता है।
हिन्दू धर्म मे सबसे अच्छी बात यही होती है कि वह सभी भी धर्म या जाति की कन्या को भोजन करते है और उनको देवी का रूप मानते है।
धर्म और जाति के आधार पर वह किसी को कन्या भोज में भेदभाव नही करते है।
प्रतिमा विषर्जन और दशहरा
जैसा ही हम सब जानते है नवरात्रि को सिर्फ 9 दिन मनाया जाता है और दसवे दिन देवी की प्रतिमा का विषर्जन किया जाता है और रावण के पुतले का दहन किया जाता है।
प्रतिमा विषर्जन भी बड़े धूम धाम से मनाया जाता है क्योंकि माना जाता है कि माँ अपने घर वापिस जा रही है और अगले वर्ष फिरसे हमारे बीच आएगी।
रावण के पुतले दहन करना इस बात का प्रतीक है कि बुराई और दुष्कर्म कभी सच्चाई और अच्छे कर्मो पर विजय प्राप्त नही कर सकता है।
आठ हमे हमेशा सच्चाई का साथ देकर अच्छे कर्मों के साथ जीवन यापन करने चाहिए।
लंका विजय पश्चात जब भगवान राम अयोध्य्या वापिस पहुच जाते है उनके स्वागत में नगर वासियों ने उनका दीपो को जलाकर स्वागत किया था उस दिन दीवाली मनाई जाती हैं।
नवरात्रि में क्या करना चाहिए
  1. सुबह जल्दी से उठकर स्नान करना चाहिए।
  2. माता रानी के जलाभिषेक और पुष्पार्पण के लिए मंदिर जाना चाहिए।
  3. माँ दुर्गा के पूजन के बाद ही दुर्गा पाठ करना चाहिए।
  4. माता के पूजन के बाद ही कोई अन्य कार्य करें।
  5. सुबह का भोजन स्नान करके तैयार करना चाहिए।
  6. जितना संभव हो सके गरीबो को दान करना चाहिए।
  7. शाम को माँ दुर्गा की आरती में जरूर शामिल होना चाहिए।
  8. कन्या भोजन करवाना चाहिए।
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